बिहार काष्ठ अधारित उद्योग निवेश प्रोत्साहन

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार

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प्रस्तावनाः

बिहार काष्ठ आधारित उद्योग प्रोत्साहन नीति, 2020 को सरकार के संकल्प संख्या 2/वन विविध-16/2018 2335 दिनांक 26.08.2020 के द्वारा अधिसूचित किया गया है। उक्त नीति के क्रियान्वयन हेतु और इस क्षेत्र में निवेश लाने के लिये इन दिशा-निर्देशों को निर्मित किया गया है। बिहार के 38 जिलों में कुल 2272 लाइसेंस प्राप्त आरा मिल, 279 विनियर मिल, 142 प्लाईवुड उद्योग और कई फर्नीचर बनाने वाली इकाईयां है। काष्ठ आधारित उद्योग में तकनीक का उपयोग अद्यतन मानक के नही हैं। अकुशल संयंत्र और मशीनरी के उपयोग से मूल्य वर्धित उत्पाद की गुणवत्ता कम होती है और कच्चे माल की बर्बादी भी अधिक होती है। यह दिशा-निर्देश निवेश लाने एवं वर्तमान में स्थापित आरा मिल, विनियर मिल और प्लाईवुड इकाइयों के साथ-साथ फर्नीचर बनाने वाली इकाई के लिए सकारात्मक व्यापार की परिस्थितियां बनायेगी। उक्त दिशानिर्देश वर्तमान काष्ठ आधारित उद्योग के विस्तार/विविधिकरण/आधुनिकीकरण/तकनीक उन्नयन फर्नीचर बनाने की इकाई को जोड़ने तथा स्थापित उद्योगों की गुणवता एवं सह-क्रियाशीलता में वृद्धि में सहायक होगी। इसके अतिरिक्त उक्त, दिशानिर्देश असंगठित क्षेत्र और मौजूदा छोटे फर्नीचर और अन्य आधुनिक कलाकृतियों को बनाने वाली इकाईयों के शिल्पकारों की सहायता करेगी। इस क्षेत्र में कुशल और अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए रोजगार सृजन की अपार संभावनाए हैं।

इन दिशा निर्देशों के तहत नये निवेशक/उद्यमी/वर्तमान काष्ठ आधारित ईकाइयां/शिल्पकार/स्थानीय फर्नीचर बनाने वाली ईकाइयां/बांस उत्पाद बनाने वाली ईकाइयां वित्तीय सहायता के लिए पात्र होंगी। निवेशक स्वामित्व, भागीदारी, सीमित देयता भागीदारी (एल॰एल॰पी॰), संस्था या सुसंगत अधिनियम में पंजीकृत समिति आदि के रूप में आवेदन कर सकते हैं।
  • निवेशक श्रेणी ‘क’ और ‘ख’
    • आवेदक का एक मजबूत वित्तीय आधार रहना चाहिए। आवेदक (आवेदकों) की शुद्ध संपत्ति याचित अनुदान राशि से कम नहीं होनी चाहिए।
    • आवेदक द्वारा परियोजना के लिए जमीन की व्यवस्था, क्रय अथवा कम से कम 30 वर्षों के लिए लीज पट्टा पर किया जायेगा तथा यह प्रस्तावित उद्योग ईकाइ के नाम से पंजीकृत होना चाहिए।
    • निवेशक/आवेदक, जिसने किसी परियोजना के लिए इस नीति के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त कर लिया है, किसी अन्य परियोजना के लिए इस नीति के तहत तबतक आवेदन करने की अर्हता नहीं प्राप्त करेंगे, जबतक कि पहली परियोजना का परिचालन का एक माह पूरा नहीं हो जाता है।
    • दिशा-निर्देशों में विहित शर्तों को पूरा किये जाने पर प्रस्तावों को विचारण योग्य माना जायेगा। प्रस्तावों का चयन किया जाएगाः
      • (क)  पहला, योग्यता के आधार पर। यह विभिन्न कारकों पर आधारित होगा, अन्य बातों के साथ, नवाचार, रोजगार सृजन निवेश की राशि, बिहार में परियोजना की विशिष्टता, स्थानीय संसाधनों का उपयोग आदि।
        (ख)   दूसरा, पूर्ण आवेदन जमा करने की तिथि।
        वार्षिक लक्ष्य के अनुसार परियोजनाओं की संख्या समाप्त होने तक बजट की उपलब्धता के अध्यधीन,

    • शिल्पकार श्रेणी-’ग’ और ’घ’
      • कुशल, अर्ध-कुशल शिल्पकार छोटे फर्नीचर और अन्य काष्ठ आधारित अन्य कलाकृतियां बनाने वाली ईकाइयों को सहायता प्रदान करते हैं, जो स्थानीय फर्नीचर बनाने वाली ईकाइयों के कम से कम 10 श्रमिकों को नियोजित करती है और
      • बिहार के निवासी शिल्पकार काष्ठ पर आधारित कार्यों में लगे हुए हैं।

आवदेन ऑनलाइन जमा किये जायेंगे और यह एक सतत प्रक्रिया होगी।

विभिन्न श्रेणियों के तहत सब्सिडी के बारे में आवेदन और जानकारी वेबसाइट: https://forestonline/BWBIIP/Homehn.aspx से प्राप्त की जा सकती है|

  • विधिवत भरा हुआ आवेदन और विस्तृत परियोजना प्रस्ताव ऑनलाइन जमा किया जाएगा और पृच्छा भी, यदि कोई हो, ऑनलाइन उठाया जायगा जिसकी सूचना आवेदक को ई-मेल/एस.एम.एस. के माध्यम से भी दी जायेगी (यदि दिया गया हो),
  • श्रेणी ‘क’ परियोजना के मामले में, जहां आवेदक बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने लिए पात्र है और इच्छुक है, आवेदक को पहले राज्य निवेश प्रोत्साहन पषर्द से चरण-1 की मंजूरी प्राप्त करनी होगी और फिर आॅनलाईन र्पोटल पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिर्वतन विभाग के एस.आई.पी.बी. सचिवालय द्वारा जारी चरण-1 निकासी पत्र के साथ आवेदन देना होगा जो बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने के इच्छुक नहीं हैं, वे सीधे पर्यावरण, वन और जलवायु परिर्वतन विभाग के आॅनलाइन पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।
  • बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के तहत केवल वही विस्तार/आधुनिकीकरण ईकाइयां अनुदान के लिए पात्र है, जिनमें इस तरह के विस्तार/आधुनिकीकरण से पहले स्थापित क्षमता मौजूदा स्थापित क्षमता के कम से कम 25 प्रतिशत तक बढ़ रही है। इसी तरह, विविधीकरण के मामले में केवल वही ईकाइयां प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं जहां विविधिकरण की परियोजना लागत मौजूदा ईकाई की परियोजना लागत का कम से कम 25 प्रतिशत है। इसके अलावा, बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के खंड 2(4)(जी) के अनुसार, केवल वे ईकाइयां नीति के तहत प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं जहां निवेश रू 25 लाख या अधिक या जो 25 श्रमिकों/व्यक्तिायों को रोजगार प्रदान करता है।
  • श्रेणी ‘ख’ परियोजनाओं के मामले में, आवेदक को पहले राज्य से चरण-1 की मंजूरी लेनी होगी। राज्य निवेश प्रोत्साहन पषर्द और उसके बाद एस.आई.पी.बी. सचिवालय द्वारा जारी किए गए चरण-1 स्वीकृति पत्र के साथ पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के आॅनलाईन पोर्टल पर आवेदन करें।
  • बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के खंड 2(4)(जी) के अनुसार केवल वे ईकाइयां इस नीति के तहत प्रोत्साहन के लिए पात्र हैं जहाँ निवेश रू 25 लाख या इससे अधिक या जो 25 श्रमिकों/व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करती हैं।
  • एस.आई.पी.बी. द्वारा परियोजना लागत मूल्यांकन के प्रयोजनार्थ संयंत्रों और मषीनरी की लागत, सिविल निर्माण की लागत और इन दिशा-निर्देशों के तहत प्रस्तावित भूमि और कार्यशाील पूँजी की लागत को ध्यान में रखा जाएगा।
  • डीईएफसीसी में प्रसंस्करण के लिए समय रेखा
    • चरण-1 टीएसजी द्वारा तकनीकी जाँच
      • क. आवेदन में किसी प्रकार की कमी होने पर, दस्तावेज/अतिरिक्त सूचना की मांग 7 कार्य दिवसों के भीतर की जाएगी।
      • ख. पूर्ण आवेदन प्राप्त होने पर, टीएसजी द्वारा जांच कार्य 15 कार्यदिवसों के भीतर की जाएगी। और डी. एफ. ओ.) को ऑनलाइन अग्रसारित किया जायेगा।
      • ग. डी. एफ. ओ. 10 कार्य दिवसों के भीतर टिप्पणी/प्रतिक्रिया/सिफारिश आॅनलाईन समर्पित करेंगे।
      • घ. प्रतिवेदन प्राप्ति के 10 कार्य दिवसों के भीतर प्रस्ताव को पी.एम.सी. के विचारार्थ आॅनलाईन अग्रसारित किया जायेगा।
    • चरण 2 पी.एम.सी द्वारा सैद्धांतिक रूप से अनुमोदन-
      • चरण 1 के पूरा होने पर प्रस्ताव प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर।
    • चरण 3 (टी0एस0जी0/डी0एफ0ओ0 द्वारा सत्यापन) -
      • क. अनुदान के पहली या दूसरी किस्त को मुक्त करने का अनुरोध प्राप्त होने के बाद 7 (सात) कार्यदिवसों के अन्दर टी0एस0जी0 के द्वारा डेस्क जांच।
      • ख. टी0एस0जी0 द्वारा अग्रसारित अनुरोध प्राप्त होने के 10(दस) कार्यदिवसों के भीतर डी0एफ0ओ0 द्वारा क्षेत्र सत्यापन और प्रतिवेन समर्पित किया जायेगा।
    • चरण-4 (वित्तीय सहायता का व्ययन)-
      • क. यदि अनुमोदित परियोजना/अनुदान के परिमाण में कोई परिवर्तन नहीं हो तो, आवंटन की उपलब्धता के अनुसार, चरण-3 के पूरा होने और नोडल अधिकारी को अनुरोध अग्रेषित करने के सात कार्यदिवसों के भीतर।
      • ख. पी0एम0सी0 द्वारा संशोधित विचार की आवश्यकता के मामले में चरण- प्प्प् पूरा होने के बाद परियोजना अनुश्रवण समिति (पी0एम0सी0) द्वारा 30 दिनों के भीतर विचार करेगा और उचित निर्णय लेगा और परियोजना अनुश्रवण समिति (पी0एम0सी0) के निर्णय के अनुसार नोडल पदाधिकारी द्वारा पी0एम0सी0 का निर्णय संसूचित होने के सात कार्यदिवसों के भीतर निधि उपलब्धता के अधीन, राषि विमुक्त की जाएगी।
  • निवेशक के लिए समय-सीमाः-
    • श्रेणी ‘क’ और ‘ख’ के लिए, मशीनों/उपकरणों/सिविल कार्य आदि की स्थापना और ईकाई को संचालित करने के लिए सैद्धांतिक अनुमोदन (स्टेज प्प्) के संसूचन की तिथि से 18 महिने है, जिसे ऐसी परिस्थिति में जो निवेषक के नियंत्रण में नहीं हो, अधिकतम 6 माह तक बढाया जा सकता है । 6 माह तक की विस्तारणीय अवधि की अनुमति परियोजना अनुश्रवण समिति (पी0एम0सी0) द्वारा तकनीकी सहायता समूह (टी0एस0जी0)/डी0एफ0ओ0 द्वारा निवेशकों के अनुरोध की जाँच के बाद दी जायेगी। अनुदान के द्वितीय किस्त की विमुक्ति के 5 वर्षों तक मशीन एवं उपस्कर/अन्य ढांचे निरीक्षण के अधीन होंगे। निरीक्षण नोडल अधिकारी या किसी अन्य स.व.स. से अन्यून श्रेणी के किसी वन अधिकारी द्वारा किया जा सकता है। हालांकि निरीक्षण की आवृति और दायरे के बारे में विस्तृत निर्देश पी0एम0सी0 के द्वारा जारी किये जायेंगे।
विभाग द्वारा आवेदक से कोई आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा।

नोडल अधिकारी का नाम: xxxxxxxxxxxxxxxx

फोन नंबर- xxxxxxxx

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